आरजू ! !

मिली है सज़ा उन्शे दिल लगाने की।
नज़र लग गई मेरे प्यार को ज़माने की।
कब्र से निकले हुए दोनों हाथ कहते हैं।
आरज़ू रह गई उसे गले लगाने की।

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