msg fr GF. . . .

तुझको देखा रात भर चाँद ने ,
और सुबह तेरा चेहरे से मिलने लगा।
एक दिन अक्स तेरा पानी में पड़ा ,
वो कमल बनके अब रोज़ खिलने लगा।

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