शेर . . .

दिल चिर के दिखाऊ तो दर्द धुंड ना पाओगे ॥

वाह..... बाह ....

दिल चिर के दिखाऊ तो दर्द धुंड ना पाओगे

वाह..... बाह ....
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क्यूँ के दर्द तो मेरे सर में है ।

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